- 68 Posts
- 89 Comments
भीगे-भीगे मौसम में सबका मन करता है ठंडी हवा के झोकों के साथ गरम-गरम चाय हो और साथ में पकौडियां. इस मौसम में धरती अपनी प्यास बुझाती है तो नदी-नहरें अपने को भरना चालू करती हैं. लेकिन इसी बरसात और भरती नदी को देख कर सबके मन में बाढ़ का डरावना चेहरा भी आता है. चमकती बिजलियां, उखड़ते पेड़, चीखते बच्चे, बाढ़ आदि ही मानसून की तस्वीर नहीं होतीं. मानसून का अपना ही मजा होता है इसे जितना दिल खोल के स्वीकार करेंगे उतना मजा आएगा. जब खुद प्रकृति इस मौसम का आनंद लेती है तो हम पीछे क्यों रहें.
इस मानसून को अगर और भी खास बनाने का मन है तो इनको जरूर आजमाएं :
मानसून में इस क्षेत्र का सौन्दर्य अपने परवान पर होता है.
चेरापूंजी के वर्षा वनों की सैर: बरसात का मौसम, जंगल की रवानी और प्रकृति का अनुपम सौंदर्य चेरापूंजी को इन चंद शब्दों में आसानी से समझाया जा सकता है.
गोकर्ण समुद्र तट की सैर: कर्नाटक शहर के गोकर्ण तट पर मानसून का समां देखते ही बनता है. मानसून में समुद्र अपने ऊफान पर होता है और नजारा देखने लायक होता है. खुले मैदान, नारियल के पेड़ और अथाह समुद्र मन की शांति के लिए इतना काफी है.
मल्सेज घाट के झरने: मानसून में वैसे तो महाराष्ट्र के अधिकतर हिस्से ज्यादा पानी से प्रभावित रहते हैं लेकिन मल्सेज घाट के झरनों को देखने का सही समय भी यही होता है जब इन झरनों से पानी अपने वेग में बहता है और सौन्दर्य अपने शबाब पर होता है.
मन्नार के चाय बगानों की सैर:केरल का हर हिस्सा वैसे तो मानसून में अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के शबाब पर होता है लेकिन मैदानी सैर के लिए आप चाय के बागानों में घूम सकते हैं. बडे-बडे बागानों में चारों तरफ हरियाली और चाय के पत्तों की हल्की-हल्की महक मन को मुग्ध कर देती है.
ऋषिकेश में पानी के साथ खिलवाड़ : उत्तराखण्ड के ऋषिकेश में मानसून के समय नदियां पूरी तरह भरी होती हैं जो जल-क्रीडाओं के आमंत्रण की तरह होता है.
जंस्कर कश्मीर में राफ्टिंग का मजा लेने का सही समय भी मानसून का ही होता है.
इस मानसून में उपरोक्त किसी भी जगह जाइए और मानसून का असली मजा उठाइए.
Read Comments